नई दिल्ली । हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में पुरुषों की बेरोजगारी दर 5.1 प्रतिशत है, जबकि महिलाओं की बेरोजगारी दर छह प्रतिशत है। बेराजगारी चुनावों का अहम मुद्दा बीते वर्षों में बना है, बावजूद इसके लिए दिल्ली नगर निगम में लगातार नौकरियों के अवसर कम किए जा रहे हैं। बीते एक से डेढ़ साल की अवधि की बात कर लें तो छह हजार से ज्यादा नौकरियों के अवसर नगर निगम में कम किए गए हैं।
इतना ही नहीं, हर बार इन अवसरों को कम करने की प्रक्रिया जारी रहती है। वर्ष 2024-25 के बजट अनुमानों में भी निगमायुक्त ने 660 पदों को खत्म कर दिया है। यानि जो 660 पद रिक्त रहते और उन पर आने वाले समय में भर्ती की प्रक्रिया चलती तो लोगों को रोजगार मिलता, लेकिन लगातार निगम में खत्म किए जा रहे पदों से निगम में नौकरी की चाहत रखने वालों के सामने प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। निगम का एकीकरण मई 2022 में हुआ था। पूर्वकालिक दक्षिणी, उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को एक करके दिल्ली नगर निगम का गठन केंद्र सरकार ने किया था। एकीकरण के बाद दिल्ली नगर निगम ने अतिरिक्त कर्मचारियों के नाम पर 3141 पदों को खत्म कर दिया था।
इससे निगम में 1,47,416 पद ही बचे थे। एकीकरण के बाद जब निगम ने वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया तो इसमें 244 पदों को खत्म कर दिया था। निगम में सत्ता में आने के बाद आप सरकार ने इस शेड्यूल आफ पोस्ट को तीन माह के लिए ही लागू किया था। इसके बाद जून में आए शेड्यूल आफ पोस्ट में फिर 2181 पदों को खत्म करने प्रस्ताव पारित किया गया। अब 2024-25 के बजट में निगम ने 660 पदों को खत्म करने का प्रस्ताव रखा है। ऐसे में बीते डेढ़ वर्ष में खत्म किए गए पदों की बात करें, तो अब 6226 पद खत्म कर दिए गए हैं। नगर निगम में अब 1,44,330 पद ही बचे हैं।