नई दिल्ली । तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर लोकसभा से निष्कासित करने के कुछ दिनों बाद, संसद की आवास समिति ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर टीएमसी नेता को अपना आधिकारिक बंगला खाली करने का निर्देश आया हैं। जानकारी के मुताबिक महुआ को 30 दिन में सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है। मोइत्रा को 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था,
जब सदन ने अपनी आचार समिति की रिपोर्ट को अपनाया था, जिसमें उन्हें संसद में प्रश्न पूछने के लिए एक कारोबारी से उपहार और अवैध संतुष्टि स्वीकार करने का दोषी ठहराया गया था।भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर शिकायत पर शुरू की गई आचार समिति की जांच में मोइत्रा को अनैतिक आचरण और अपनीलोकसभा वेबसाइट लॉगिन क्रेडेंशियल अनधिकृत व्यक्तियों के साथ साझा करके सदन की अवमानना का दोषी पाया गया। पैनल ने कहा कि इस तरह के कृत्यों का राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपरिवर्तनीय प्रभाव पड़ता है।
निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया।महुआ ने अपने निर्वाचन क्षेत्र कृष्णानगर सीट के लोगों के लिए एक संदेश देकर कहा कि वह कथित अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगी और इस लेकर उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता भी जताई। पहली बार लोकसभा के लिए चुनी गईं मोइत्रा को शुक्रवार को सदन से निष्कासित कर दिया गया था। लोकसभा की आचार समिति ने उस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया जिसमें मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ का जिम्मेदार माना गया था।