नई दिल्ली । आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि हमारे देश के चुनावों में आयोग की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। किस तारीख को और कितने चरण में चुनाव होंगे, यह चुनाव आयोग तय करता है। ईवीएम कहां-कहां भेजी जाएंगी, उसका नियंत्रण, मैनेजमेंट सब कुछ चुनाव आयोग तय करता है लेकिन यह बिल देश में चुनाव आयोग जैसे एक स्वतंत्र संस्थान को खत्म कर देगा। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने मुख्य चुनाव आयुक्त समेत अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े बिल का विरोध किया है। मंगलवार को सदन के अंदर उन्होंने कहा कि बीजेपी यह बिल लाकर चुनाव आयोग पर कब्जा करना चाहती है। इसके पास होने से मुख्य चुनाव आयुक्त समेत दो अतिरिक्त चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पूरी तरह से केंद्र सरकार के हाथ में आ जाएगी और वो अपनी मर्जी से किसी का भी चयन करना चाहेंगे।
राघव चड्ढा ने कहा कि बीजेपी देश में निष्पक्ष चुनाव खत्म करना चाहती है। राघव चड्ढा ने कहा कि चुनाव आयोग ही तय करता है कि देश में कब और कहां चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट और देश के मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ भाजपा के संस्थापक सदस्य लालकृष्ण आडवाणी का भी अपमान करता है। उन्होंने कहा कि आडवाणी जी ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन समिति में प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष, कानून मंत्री और लोकसभा-राज्यसभा के नेता विपक्ष की पांच सदस्यीय समिति बनाने की वकालत की थी।
मेरी मांग है कि सरकार को ये बिल वापस ले लेना चाहिए। सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि 2 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला दिया कि चुनाव आयोग की नियुक्ति में किसी भी तरह का सरकारी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। साथ ही हस्तक्षेप को खत्म करने के लिए एक समिति का गठन किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उस समिति में मुख्य न्यायाधीश की जगह एक कैबिनेट मंत्री को डालकर उसका संतुलन बिगाड़ रही है।