भोपाल। मप्र की नई कैबिनेट (मंत्रिमंडल) की प्रथम बैठक बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में होगी। कैबिनेट की बैठक में उज्जैन को तीर्थ नगरी घोषित किया जा सकता है। इतना ही नहीं, नानाखेड़ा बस स्टैंड से श्री महाकाल महालोक तक एलिवेटेड कारिडोर बनाने की योजना और महाकाल सवारी मार्ग को चौड़ा करने, उज्जैन-नागदा-जावरा मार्ग को फोरलेन में तब्दील करने को हरि झंडी मिल सकती है। मुख्यमंत्री डा. यादव ने बैठक मकर संक्रांति पर या इसके आसपास कराने की बात मीडिया से साझा की है। सीएम यादव ने यह भी कहा कि अब मंत्रिमंडल की बैठक केवल राजधानी भोपाल में ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अलग-अलग शहरों में होगी। शनिवार को उज्जैन में हुई प्रशासनिक बैठक में संभाग के नगर निगम आयुक्तों को शहर विकास की योजना जोनलवार बनाने को निर्देशित किया है।
अगले माह होने वाली बैठक में उज्जैन की सड़कों को ट्रैफिक जाम से मुक्त करने के लिए उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा बनवाए 8500 करोड़ रुपये के ग्रीन ट्रैफिक मोबिलिटी प्लान को भी मंजूरी दी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को स्वागत रैली के बाद रात उज्जैन में ही अपने गीता कालोनी स्थित निवास पर बिताई। सुबह पांच बजे उठे। हर रोज की तरह व्यायाम किया, फलाहार लिया। तत्पश्चात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय ‘आराधना भवन’ पहुंचे।
यहां संघ के प्रांत प्रचारक राजमोहन सहित अन्य पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से भेंट की। इसके बाद उज्जैन संभाग के स्वीकृत, प्रस्तावित एवं प्रचलित निर्माण कार्यों की समीक्षा की और फिर दिल्ली रवाना हो गए। मुख्यमंत्री देर रात विधायक, कलेक्टर, महापौर संग गौतम मार्ग पहुंचे थे। उन्होंने बिजली के खंभे शिफ्ट करने को लेकर आ रही लोगों की परेशानी का ध्यान रख मार्ग में सेंट्रल लाइटिंग कराने की घोषणा की। महापौर ने इस पर कहा कि यहां नए पोल लगाने का काम काफी हद तक हो चुका है। इस पर प्रकरण में समीक्षा करने को कहा। जानकारों का कहना है कि सेंट्रल लाइट लगती है तो गैलरी हटाने को लेकर उठा विवाद समाप्त हो सकता है। काम भी तेजी से हो सकता है।