नई दिल्ली । देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री घटना पर बढ़ते विवाद के बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद परिसर में उपराष्ट्रपति धनखड़ को अपमानित करने के तरीके पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने इस पर जोर दिया कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को खुद को व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए।
राष्ट्रपति मुर्मू की यह निंदा कुछ सांसदों के निलंबन के खिलाफ संसद की सीढ़ियों पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी द्वारा धनखड़, जो राज्यसभा के सभापति भी हैं, कि नकल करने के एक दिन बाद आई है।राष्ट्रपति द्वारा पोस्ट में लिखा गया है कि जिस तरह से हमारे सम्मानित उपराष्ट्रपति को संसद परिसर में अपमानित किया गया, यह देखकर मुझे निराशा हुई।
निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए। वहीं, धनखड़ ने बुधवार को कहा कि कोई कितनी भी उनकी बेइज्जती कर ले, उस वह ‘खून के घूंट पी कर’ सहन कर लेते हैं लेकिन वह कभी यह बर्दाश्त नहीं करुंगा, कि कोई उपराष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंचाए। ससद की सुरक्षा में सेंध की घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर हंगामा करने पर दोनों सदनों से 90 सेअधिक विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने के विरोध में विपक्ष के सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और सदन की मॉक कार्यवाही का आयोजन किया था। निलंबित सांसदों ने संसद के नए भवन के मकर द्वार पर धरना दिया।