- हार्मोनल बदलाव महिलाओं के शरीर में अच्छे और बुरे प्रभाव डालते

हार्मोनल बदलाव महिलाओं के शरीर में अच्छे और बुरे प्रभाव डालते


मुंबई । महिलाओं के शरीर में बचपन से लेकर बुढ़ापे तक, इसतरह कई बदलाव आते हैं, जिनकी वजह से उनके शरीर में काफी हार्मोनल बदलाव होते हैं। हार्मोनल बदलाव की वजह से शरीर के नॉर्मल काम करने के तरीके में बदलाव आ सकते हैं, जो कई बार नुकसानदेह भी हो सकते हैं। आमतौर पर, महिलाओं के जीवन में पांच स्टेज होते हैं, जब उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। ये स्टेजेस हैं, टीनेजर्स, पीरियड्स, बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज। लेकिन कई बार पीसीओडी, एंडोमेट्रिओसिस जैसी बीमारियों की वजह से भी हार्मोन्स में बदलाव हो सकते हैं। हर स्टेज में कैसे हार्मोन्स ओरल हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं।प्यूबर्टी वह स्टेज होती है, जब लड़कियों के शरीर में कई बदलाव होते हैं। वे लड़कपन से निकलकर किशोरावस्था की ओर कदम बढ़ाती हैं। इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है, जिस वजह से मसूड़ों में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, जिस कारण से आमतौर पर बर्श या फ्लॉस करते समय मसूड़ों से खून आने की समस्या हो सकती है।

महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के 12 लक्षण | बॉडीलॉजिकएमडी

 

पीरियड्स के दौरान प्रोजेस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है, जिस वजह से मसूड़ों में सूजन होने की संभावना रहती है। इस कारण से कई बार पीरियड्स के समय मेंसुरेशन जिंजिवाइटिस हो सकता है, जो पीरियड्स के एक-दो दिन बाद खुद ही ठीक भी हो जाता है। इसके अलावा, स्लाइवरी ग्लैंड में सूजन, छाले आदि की समस्या भी हो सकती है।बर्थ कंट्रोल पिल्स में प्रोजेस्टेरोन, एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन होते हैं, जो हमारी ओरल हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इस कारण से बॉडी का टॉक्सिन्स के खिलाफ रिएक्शन तेज हो जाता है और मसूड़ों में सूजन हो सकती है।

महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के 12 लक्षण | बॉडीलॉजिकएमडी

 

प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव की वजह से प्रेग्नेंसी जिंजिवाइटिस हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कई हार्मोन्स में बदलाव होते हैं, जिसे आपके बॉडी का बैक्टिरीया के खिलाफ रिएक्शन में परिवर्तन हो सकता है। इसलिए दूसरे से आठवें महीने तक जिंजिवाइटिस का खतरा काफी बढ़ जाता है।मेनोपॉज के दौरान महिलाओं की ओरल हेल्थ में काफी बदलाव आते हैं। सलाइवा कम होने की वजह से मुंह सूखना, सेंसिटिविटी का बढ़ना, दांतो का कमजोर होना जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं। यह एस्ट्रोजन लेवल कम होने की वजह से होता है।

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इनके अलावा, पीसीओस जैसी बीमारियों की वजह से भी कई ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए इस दौरान आपकी ओरल हेल्थ का ख्याल रखना जरूरी है।ओरल हेल्थ का ख्याल रखने के लिए:  रोज दिन में दो बार ब्रश करें, खाने के बाद कुल्ला करें या माउथ वॉश का इस्तेमाल करें, सॉफ्ट ब्रिसल्स वाले टूथ ब्रश का इस्तेमाल करें, रोज नियमित तौर से फ्लॉस करें, अधिक शुगर वाले खाने से परहेज करें, हरी सब्जियां, फल आदि को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं, हर छः महीने पर डेंटिस्ट से मिलकर चेकअफ कराएं, भरपूर मात्रा में पानी पीएं।

 

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