खबर के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की नेटवर्थ में बीते साल 9.23 अरब डॉलर की तेजी आई। इसके साथ ही उनकी नेटवर्थ 96.3 अरब डॉलर पहुंच गई। लेकिन वह कमाई के मामले में नाडर से पिछड़ गए। नाडर की नेटवर्थ में पिछले साल 9.39 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। नाडर भारतीय रईसों की लिस्ट में चौथे और दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 44वें नंबर पर हैं। लेकिन दान देने के मामले में कोई उनके आसपास भी नहीं हैं। लगातार दो वर्षों से उन्होंने देश के सबसे बड़े दानवीर की कुर्सी पर कब्जा जमा रखा है। शिव नाडर का जन्म 14 जुलाई, 1945 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में हुआ था। बचपन में उन्हें आर्थिक दिक्कतों के सामना करना पड़ा।
कोयंबटूर के पीएसजी कॉलेज से इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की डिग्री लेने के बाद उन्होंने 1967 में पुणे के वालचंद ग्रुप के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से करियर की शुरुआत की। इसके बाद वह दिल्ली के डीसीएम ग्रुप के साथ एक कंप्यूटर प्रोग्रामर के तौर पर नौकरी की। लेकिन नौकरी में मन नहीं रमा और 1976 में अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एचसीएल की स्थापना की। हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड यानी एचसीएल की शुरुआत एक गैराज से हुई।
नाडर की लीडरशिप में कंपनी ने दिन दोगुना चार चौगुनी प्रोग्रेस की और जल्दी ही एक ग्लोबल आईटी सर्विसेज कंपनी बन गई। आज एचसीएल की 60 से भी ज्यादा देशों में मौजूदगी है और इसमें 2,22,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। जुलाई 2020, में नाडर ने कंपनी के चेयरमैन का पद छोड़ दिया और इसकी कमान अपनी बेटी रोशनी नाडर मल्होत्रा के हाथों में सौंप दी। वह कंपनी के चेयरमैन एमेरिटस और स्ट्रैटजिक एडवाइजर हैं। नाडर ने 1994 में शिव नाडर फाउंडेशन की स्थापना की थी जो शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में काम करता है। कोरोना काल में भी उन्होंने बढ़चढ़कर दान दिया था।