1 जनवरी 2005 के बाद सरकारी सेवा में आए हुए कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू है। 31 दिसंबर 2004 के पहले के सभी सरकारी कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम के दायरे में आते हैं। ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत दोष सिद्ध होने पर अथवा गवन इत्यादि का आरोप होने पर,50 फ़ीसदी पेंशन को रोक लिया जाता था। नेशनल पेंशन स्कीम में अब यह राशि रोकने का अधिकार किसी को नहीं होगा। 10 साल तक सेवा करने के बाद जो भी कर्मचारी सेवा निवृत होगा। उसे रिटायरमेंट का पूरा लाभ दिए जाने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है, सरकारी कर्मचारियों के वेतन से 10 फीसदी राशि प्रतिमाह काटी जाती है। 14 फ़ीसदी राशि सरकार द्वारा जमा की जाती है।
मध्य प्रदेश में 22000 मामलों में पेंशन रोकी गई है। इसमें 2000 ऐसे मामले थे, जिसमें अधिकारी की नाराजगी के कारण सेवानिवृत्ति के पहले विभागीय जांच शुरू कर दी गई। कोर्ट में मुकदमा दायर हो गया। इस आधार पर पेंशन को रोक दिया जाता था। 30 से 35 साल की सेवा पूरी करने के बाद भी शासकीय कर्मचारियों को पेंशन को रोक दिया जाता था। जिसके कारण सेवा निवृत कर्मचारी का पूरा परिवार आर्थिक संकट से गुजरता था। मध्य प्रदेश सरकार ने जो नया संशोधन किया है। उसके अनुसार अब पेंशन को रोका नहीं जा सकता है। 10 साल सेवा कर चुके सभी कर्मचारियों को पेंशन का लाभ सेवानिवृत्ति के बाद मिलेगा।