Union Budget 2025 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने किसानों के लिए दो बड़े ऐलान किए। किसान क्रेडिट कार्ड और धन धान्य योजना की लिमिट बढ़ाई। साथ ही बिहार में किसानों के लिए मखाना बोर्ड के गठन का भी ऐलान किया। कार्ड की लिमिट बढ़ाने और योजनाओं से किसानों को क्या लाभ मिलेगा, पढ़िए।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। बजट में कई बड़े ऐलान किए गए। 12 लाख तक की आय पर टैक्स छूट के साथ ही वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स रिटर्न दाखिल करने में भी छूट दी गई। इन सबके बीच कृषि प्रधान देश के अन्न उत्पादकों को बड़ी सौगात दी गई है। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाई गई और योजनाओं और उनकी रकम ने भी किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी।
वित्त मंत्री ने बजट की शुरुआत में किसानों के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य योजना का ऐलान किया। साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का भी ऐलान किया। इस बजट में बिहार समेत पूरे देश के किसानों को लाभ मिला है। वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने का ऐलान किया है।
क्रेडिट कार्ड की यह सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही विवाह सहायता योजना की सीमा अब 3 लाख रुपये से बढ़कर 5 लाख रुपये हो गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को कम समय में लोन की सुविधा मिलेगी।
किसानों को खेती और कृषि से जुड़े कामों के लिए समय पर और उचित लोन उपलब्ध कराने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी।
किसानों को हर साल बिल्कुल रियायती दरों पर लोन मिल सकेगा। इसे सरल बनाने और इलेक्ट्रॉनिक किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए वर्ष 2012 में इसमें संशोधन किया गया था।
बजट घोषणा से कर्जदार किसान, कर्ज देने वाले आत्मनिर्भर किसान, मौखिक पट्टेदार और बटाईदार किसान पात्रता श्रेणी में आ गए हैं। इसके अलावा, एसएचजी यानी स्वयं सहायता समूह और जेएलजी यानी संयुक्त देयता समूह जिसमें किरायेदार किसान, बटाईदार शामिल हैं, भी इस योजना के दायरे में आते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने का लाभ यह होगा कि इससे किसानों को इनपुट डीलरों के साथ सहज लेन-देन में मदद मिलेगी। जब वे खरीद केंद्रों पर अपनी उपज बेचते हैं, तो बिक्री से होने वाली आय उनके खातों में जमा हो जाती है।
क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को सस्ते ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराया जा सकता है। इसमें क्रेडिट कार्ड की भूमिका अहम हो जाती है। सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने से किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इस योजना की शुरुआत 1998 में केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक और नाबार्ड ने की थी। इसे किसान क्रेडिट नाम दिया गया था। इस कार्ड का लाभ सिर्फ किसानों को ही नहीं बल्कि मछली पालकों या पशुपालकों को भी मिलता है।
वित्त मंत्री ने बजट में किसानों के लिए जो बड़ी घोषणा की है, वह है धन धन योजना। इस योजना में कम उपज वाले 100 जिले, आधुनिक फसल उत्पादन की संभावना वाले क्षेत्र और औसत से कम ऋण मानदंड वाले क्षेत्र शामिल होंगे। इससे देश के करीब 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा। इसके अलावा खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए 6 साल के मिशन की भी घोषणा की गई।
इस बजट में बिहार पर खास ध्यान दिया गया है। बिहार में मखाना की खेती खूब होती है। ऐसे किसानों के फायदे के लिए मखाना बोर्ड के गठन की भी घोषणा की गई। इस बोर्ड के गठन से मखाना के उत्पादन से लेकर इसकी मार्केटिंग तक को बढ़ावा मिलेगा। इस घोषणा से मखाना किसानों को काफी फायदा होगा।