नई दिल्ली । उत्तर भारत में ना तो कड़ाके की ठंड ही कम हो रही है और ना ही घना कोहरा। स्थिति यह है कि दिल्ली के एयरपोर्ट पर दृश्यता घट कर शून्य तक पहुंच रही है। यही हाल रेलवे ट्रैक का भी है। रेलवे स्टेशन से जैसे ही ट्रेन आगे बढ़ती है तो धुंध में ट्रैक पर ट्रेन चलाना मुसीबत भरा ड्राइवर के लिए हो जाता है। ऐसे में विमान और ट्रेनों की रफ्तार थम गई है। शुक्रवार को कोहरे का सबसे ज्यादा असर
विमान सेवा पर देखने को मिला। दिल्ली एयरपोर्ट शून्य दृश्यता की स्थिति गुरुवार से ही बनने लगी थी। रनवे सफेद धुंध की चादरों में लिपटा हुआ था। ऐसे में कृत्रिम लाइट कर विमानों की आवाजाही कराई गई बावजूद सुबह छह बजे ही विमान पर असर पड़ने लगा। करीब पांच सौ विमान की आवाजाही प्रभावित हुई। सबसे ज्यादा प्रभाव घरेलू आगमन वाले विमान पर दिखा। 200 से अधिक 15 मिनट से 2 घंटे की देरी से उतरे।
इसके अलावा अन्य शहरों के लिए उड़ान भरने वाले विमान भी काफी मशक्कत से उड़ान भरे। 190 से अधिक विमान इस वजह से प्रभावित हुए। घरेलू ही नहीं अंतरराष्ट्रीय विमान भी कोहरे की चपेट में आए। रवानबर वाले 52 से अधिक तो आने वाले 45 से अधिक विमान देरी से संचालित हुए। शायद ही कोई घरेलू व अंतराष्ट्रीय विमान अपने नियत समय से उड़ान भर सके। हालांकि कई विमानों को नियत समय से पहले भी रवानगी की गई।