Politics News: कांग्रेस पार्टी प्रदेश की हर सीट पर मजबूत स्थिति में है। यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा भी इस गठबंधन के समर्थन में नहीं हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सहमति नहीं बन पाई। नतीजतन आम आदमी पार्टी ने सोमवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ा। पार्टी ने 29 उम्मीदवारों की दो सूची जारी की है। आप के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा, हमारी अगली सूची जल्द ही आने वाली है। पार्टी सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राजनीतिक जानकारों का कहना है, हुड्डा ने हरियाणा में सेफ गेम खेला है। भले ही आम आदमी पार्टी कांग्रेस के अति आत्मविश्वास का फायदा उठाने का मौका चूक गई, लेकिन कांग्रेस को इसका फायदा मिल सकता है। अगर गठबंधन के तहत आप को दस सीटें भी मिलतीं तो कांग्रेस में बगावत की संभावना बन सकती थी कुल मिलाकर आप को गठबंधन में पांच से ज्यादा सीटें नहीं मिल रही थीं।
भाजपा ने पिछले सप्ताह हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। सूची जारी होते ही भाजपा के पूर्व मंत्री व विधायकों समेत कई नेताओं ने पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व व प्रदेश इकाई ने नाराज नेताओं को मनाने का पुरजोर प्रयास किया है। अब यह तो नामांकन के दौरान ही पता चलेगा कि कितने नेता नाराज हैं और कितने मान गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि नाराज नेता किसी अन्य पार्टी के मंच पर या फिर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के नेता 'हाई कॉन्फिडेंस' में हैं।
पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए 2500 से ज्यादा नेताओं ने आवेदन किया था। पार्टी के आंतरिक सर्वे में भी यह बात सामने आई है। ऐसे में आप से गठबंधन करने का मतलब कांग्रेस के बढ़े हुए कॉन्फिडेंस को कमजोर करना है। 'बढ़े हुए कॉन्फिडेंस' के पीछे मुख्य वजह भाजपा की दस साल की सत्ता विरोधी लहर बताई जा रही है। हरियाणा में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैप्टन अजय यादव के अनुसार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को किसी भी पार्टी से गठबंधन करने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश की हर सीट पर मजबूत स्थिति में है। यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा भी इस गठबंधन के समर्थन में नहीं हैं। हुड्डा ने इस संबंध में कांग्रेस हाईकमान से कहा था कि आप के साथ गठबंधन कांग्रेस के हित में नहीं है। रोहतक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक विधानसभा क्षेत्र से टिकट पाने वाले कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ प्रदेश स्तरीय नेता का कहना है, अगर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व गठबंधन को लेकर सख्त होता है तो आप को पांच से भी कम सीटें दी जाएंगी।
कांग्रेस आज प्रदेश में 'हाई कॉन्फिडेंस' में है। पार्टी ने जिस तरह से प्रत्याशियों की सूची जारी की है, उसमें किसी तरह का विवाद या नाराजगी नहीं है। कई प्रत्याशी ऐसे हैं जो पूर्व में मंत्री या विधायक रह चुके हैं। हुड्डा ने इस मामले में सुरक्षित खेल खेला है। ज्यादातर उन नेताओं को टिकट दिया गया है जो दो दशक से हुड्डा के सहयोगी हैं इस संबंध में सभी नेताओं ने एकमत होकर आप के साथ गठबंधन न करने की सलाह दी थी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दस में से एक सीट आप को दी थी। उस सीट पर आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। आप हरियाणा विधानसभा में अभी तक अपना खाता नहीं खोल पाई है। ऐसे में आप कम से कम दस सीटों की मांग कर रही थी। यहां भी कांग्रेस के लिए बड़ा जोखिम था। विधानसभा चुनाव में जीत-हार का अंतर बहुत कम होता है।
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जिन सीटों पर कांग्रेस नेताओं को आप उम्मीदवार बनाकर उतारा गया, उन सीटों पर बगावत संभव थी। प्रदेश की राजनीति के विशेषज्ञ रविंद्र कुमार के अनुसार चुनाव में कांग्रेस पार्टी मजबूत स्थिति में है। अगर गठबंधन का ऐलान होता है तो यह गठबंधन कांग्रेस पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। पिछले पांच साल से चुनाव की तैयारी कर रहे नेता और जिनके टिकट कटेंगे, वे बगावत कर सकते हैं। इन दोनों पार्टियों ने पहले कभी गठबंधन नहीं किया है। ऐसे में यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि दोनों पार्टियों के वोट एक-दूसरे को जाएंगे या नहीं।