- MP News: विधानसभा में मोहन सरकार को घेरने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों के विभागों पर कांग्रेस की नजर, तैयार होगी रिपोर्ट

MP News: विधानसभा में मोहन सरकार को घेरने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों के विभागों पर कांग्रेस की नजर, तैयार होगी रिपोर्ट

विधानसभा में उपनेता हेमंत कटारे का कहना है कि आगामी विधानसभा सत्र में हम सरकार से वे सभी सवाल पूछेंगे जो जनहित से जुड़े हैं। वित्तीय प्रशासन गड़बड़ है तो रोजगार की बात बेमानी हो गई है। हम विभागवार रिपोर्ट तैयार कर सरकार की हकीकत जनता के सामने लाएंगे।

भोपाल: प्रदेश में भाजपा की मोहन सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस की नजर वरिष्ठ मंत्रियों के विभागों पर है। 16 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायकों से चुन-चुनकर सवाल पूछे जा रहे हैं। कानून व्यवस्था, पदोन्नति, ओबीसी आरक्षण, महिलाओं और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग पर अत्याचार के अलावा मुख्य विषय कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं आवास, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से जुड़े हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था और निवेश प्रस्तावों की स्थिति को लेकर भी सदन में सरकार को घेरने की तैयारी है।

कांग्रेस कर रही तैयारी

प्रदेश कांग्रेस ने पिछले दस माह में अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों पर हुए अत्याचार की घटनाओं की अलग-अलग टीमें बनाकर जांच कराई थी। इनकी रिपोर्ट के आधार पर सदन में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की तैयारी की जा रही है। भोपाल में एमडी ड्रग्स के निर्माण की घटनाएं, नशीले पदार्थों का बढ़ता उपयोग, अपहरण, महिलाओं और बच्चियों पर अत्याचार के मामलों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। इसके साथ ही कर्मचारियों से संबंधित पदोन्नति और ओबीसी आरक्षण पर भी सरकार से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की जाएगी।

कर्मचारियों के मुद्दे अहम हैं

दरअसल, राज्य में आठ साल से पदोन्नति रुकी हुई है। पात्र होने के बावजूद हजारों कर्मचारी बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो गए। कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था, लेकिन मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है और 13 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी गई है। लोक निर्माण विभाग में लगातार अनियमितताओं के मामले सामने आ रहे हैं, जबकि कई परियोजनाओं पर अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।

घोषणाओं को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी

भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले कई घोषणाएं की थीं, जैसे किसानों को गेहूं के लिए 2700 रुपये और धान के लिए 3100 रुपये प्रति क्विंटल देना, लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को 3000 रुपये देना, मुख्यमंत्री लाडली बहना आवास योजना लागू करना, लेकिन अभी तक क्रियान्वयन नहीं हुआ है। शहरों के मास्टर प्लान अटके हुए हैं और हर घर नल से जल पहुंचाने की योजना में भी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। इन सभी मुद्दों को लेकर विधायकों से कहा गया है कि वे अपने क्षेत्रों के अलावा पूरे प्रदेश पर असर डालने वाले मुद्दों को विधानसभा में उठाएं और सरकार से जवाब मांगें। वहीं विधानसभा में उपनेता हेमंत कटारे का कहना है कि आगामी विधानसभा सत्र में हम सरकार से वे सभी सवाल पूछेंगे जो जनहित से जुड़े हैं। वित्तीय प्रशासन गड़बड़ है तो रोजगार की बात बेमानी हो गई है। प्रशासनिक अराजकता की स्थिति है। विभागों में काम नहीं हो रहा है। हम विभागवार रिपोर्ट तैयार कर सरकार की हकीकत जनता के सामने लाएंगे।

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