ज़्यादातर विश्लेषकों को उम्मीद है कि आरबीआई की दर-निर्धारण समिति मुख्य रेपो दर को स्थिर रखेगी। यानी इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। आरबीआई गवर्नर की चुनौती महंगाई पर नियंत्रण और विकास के लिए तरलता को बढ़ावा देना है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तीन दिवसीय द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक बुधवार को शुरू हो गई है। इस बैठक में ब्याज दरों पर फैसला लिया जाएगा। यह बैठक शुक्रवार यानी 6 नवंबर को सुबह 10 बजे RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा MPC के फैसले की घोषणा के साथ समाप्त होगी।
हालांकि, ज्यादातर विश्लेषकों को उम्मीद है कि RBI की दर-निर्धारण समिति मुख्य रेपो दर को स्थिर रखेगी। RBI गवर्नर की चुनौती मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और विकास के लिए तरलता को न्यूनतम बढ़ावा देना है।
अगर रेपो रेट बढ़ाई जाती है तो बैंक से मिलने वाला लोन भी महंगा हो जाएगा। इसलिए जहां नया होम लोन महंगा हो जाएगा। वहीं, पुराने चल रहे होम लोन की ईएमआई भी पहले के मुकाबले बढ़ जाएगी। इसका सीधा असर आम लोगों और रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ेगा।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्ना' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं। लिंक नीचे दिए गए हैं।
बेसिक होम लोन के सीईओ अतुल मोंगा को उम्मीद है कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक हालात को देखते हुए आरबीआई आर्थिक विकास को सहारा देने के लिए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आरबीआई महंगाई को संतुलित करने और आर्थिक विकास को सहारा देने के लिए रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखेगा।
अतुल मोंगा ने आगे कहा कि वैश्विक आर्थिक हालात, खासकर अमेरिका में चुनाव के बाद नई व्यवस्था और यूरोजोन के हालात आरबीआई के फैसले को काफी हद तक प्रभावित करने की उम्मीद है। अगर अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंक सख्त मौद्रिक नीतियां अपनाते हैं तो आरबीआई भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं को एक बड़ा कारक बताते हुए 'तटस्थ' रुख अपना सकता है।
उन्होंने उम्मीद जताई है कि रेपो रेट में कोई बदलाव न होने से घरों की मांग स्थिर रहेगी। खास तौर पर मिड-रेंज और लग्जरी सेगमेंट में लोगों की घर खरीदने की क्षमता बनी रहेगी, जिसे स्थिर ब्याज दरों से सहारा मिलेगा। उधार लेने की लागत में पूर्वानुमान से डेवलपर्स और घर खरीदार दोनों को फायदा हो सकता है।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्ना' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं। लिंक नीचे दिए गए हैं।
गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष मनोज गौड़ ने भी रेपो रेट पर यथास्थिति बनाए रखने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर आरबीआई रेपो रेट पर यथास्थिति बनाए रखता है तो यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए उत्साहजनक होगा।
इससे बाजार में स्थिरता का संकेत मिलेगा और खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के बीच विश्वास बढ़ेगा। आरबीआई भविष्य में संभावित दरों में कटौती का संकेत दे रहा है, जिससे घर खरीदारों को राहत मिल सकती है। हालांकि, किफायती आवास खंड चिंता का विषय बना हुआ है। मनोज गौड़ ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आरबीआई इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान देगा।