मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में लोकायुक्त पुलिस की टीम ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रजनी आगम को 36 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है। अधिकारी ने 12 छात्रावासों के अधीक्षकों से कुल 96 हजार रुपए कमीशन के तौर पर मांगे थे।
छिंदवाड़ा जिले में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लोकायुक्त टीम ने विकास खंड शिक्षा अधिकारी बिछुआ रजनी आगमे को 36 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। यह कार्रवाई आवेदक रमेश पराड़कर (54) अधीक्षक शासकीय बालक छात्रावास धानेगांव विकास खंड बिछुआ की शिकायत पर की गई है।
आवेदक के अनुसार उससे और विकास खंड बिछुआ के 12 छात्रावास अधीक्षकों से 50 सीटों के लिए 3000 रुपए प्रतिमाह और 100 सीटों के लिए 6000 रुपए प्रतिमाह रिश्वत मांगी जा रही थी, जो सितंबर और अक्टूबर माह का कुल 96000 कमीशन होता है।
आवेदक ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर से की। शिकायत की पुष्टि के लिए रिकॉर्डिंग की गई। इसमें रजनी आगम ने रिश्वत की पहली किश्त 31000 रुपए लेने की बात स्वीकार की थी।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्ना' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं। लिंक नीचे दिए गए हैं।
मंगलवार को रजनी अमेगा, विकास खंड शिक्षा अधिकारी, बिछुआ के विरुद्ध फौजदारी (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत कार्रवाई की गई। कार्रवाई करने वाली सुपरवाइजर टीम में इंस्पेक्टर किरण तिर्की, इंस्पेक्टर कमल सिंह उइके और लोक अध्यापिका जबलपुर की टीम शामिल रही।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्ना' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं। लिंक नीचे दिए गए हैं।
रजनी अगामे का सिद्धांत रखा जा रहा है। वो पहले भी मंडल के पद पर दो बार निलंबित हो चुके हैं। खबर अपडेट हो रही है...